आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि का विस्तार - अनुसूचित जनजाति के छात्रों की उच्चतर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति (एनएफएसटी) 2025-26
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन 1999 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के द्वि-विभाजन के उपरांत किया गया था और इसका उद्देश्य एक समन्वित और सुनियोजित तरीके से भारतीय समाज के अत्यंत शोषित वर्ग अर्थात् अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित करना है। इस मंत्रालय के गठन से पहले जनजातीय मामले अलग-अलग समय में विभिन्न मंत्रालयों द्वारा निपटाए जाते थे।
जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों के विकास कार्यक्रमों की समग्र नीति, आयोजना एवं समन्वयन के लिए एक नोडल मंत्रालय है। इस उद्देश्य हेतु जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने (कार्य आबंटन) नियमावली, 1961 तथा इसके पश्चात् संशोधनों के तहत आबंटित विषयों के अंतर्गत आने वाले क्रियाकलाप किए हैं।