केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और विकास के लिए कई योजनाएं लागू करती हैं। हालांकि, स्वैच्छिक संगठनों (स्वैच्छिक संगठनों (वीओ))/गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) भी सरकारी योजनाओं की पहुंच को बढ़ाने और सेवा की कमी वाले आदिवासी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जबकि दूरस्थ और अलभ्य आदिवासी क्षेत्रों में सेवाओं के वितरण के अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकारी प्रयासों को स्वैच्छिक संगठनों (स्वैच्छिक संगठनों (वीओ))/गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से पूरक किया जाता है, प्रदान की गई सेवाओं का मानक भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अत: प्रत्येक सहयोगी (पार्टनर) स्वैच्छिक संगठनों (स्वैच्छिक संगठनों (वीओ))/गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से गुणवत्ता सेवाओं की सुपुदर्गी की दिशा में प्रयास करने की उम्मीद है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय राज्य समितियों (सोसाइटीज)/स्वैच्छिक संगठनों (स्वैच्छिक संगठनों (वीओ))/गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से अनुसूचित जातियों के सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए निम्नलिखित योजनाओं को लागू करता है जो सरकारी प्रयासों की पूरक हैं: