भारत सरकार    |    जनजातीय कार्य मंत्रालय

जनजाति कल्याण अनुदान

टीएसएस को एससीए
अनुच्छेद 275 (1)
पीवीटीजी
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जनजातीय उप योजना के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता (टीएसएस को एससीए)

जनजातीय उप योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (टीएसएस को एससीए) अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए अम्ब्रेला योजना का एक भाग है जो अब मुख्य योजना का एक प्रमुख भाग है। इस योजना के तहत राज्य जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) के लिए एक परिवर्धक के रूप में विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान करके जनजातीय लोगों के विकास और कल्याण के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरा किया जाता है।

जनजातीय उप-योजना (टीएसएस को एससीए) के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के तहत, जो राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की मंजूरी के बाद, और परियोजना मूल्यांकन समिति (पीएसी) में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, रोजगार-सह-आय सृजन, आदि जैसे विचारित क्षेत्रों में अंतरों को पाटने के लिए अधिसूचित जनजातीय लोगों के विकास और कल्याण के लिए 27 राज्यों को अनुदान जारी किए जाते हैं, अनुसूचित जनजातियों वाले राज्यों को राज्य सरकारों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर निधि निर्मुक्त की जाती है, है। राज्यों को 100% अनुदान प्रदान किया जाता है।

जनजातीय बहुल क्षेत्रों में बुनियादी अवसंरचनाओं के विकास का प्रमुख भाग और देश में जनजातीय लोगों को बुनियादी सुविधाओं की प्रदायगी संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं / कार्यक्रमों के माध्यम से की जाती है, जबकि जनजातीय मामलों का मंत्रालय इन पहलों के लिए टीएसएस को एससीए के तहत कमियों को दूर करते हुए परिवर्धक का कार्य करता है। ।

योजना के उद्देश्य (टीएसएस को एससीए)
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच को बेहतर बना कर मानव संसाधन विकास।
  • आवास सहित जनजातीय क्षेत्रों/कस्बे (जो ज्यादातर पीएमएवाई/राज्य की योजनाओं के तहत आते हैं) में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके जीवन-यापन की गुणवत्ता को उन्नत बनाना।
  • गरीबी और बेरोजगारी में पर्याप्त कमी लाना, उत्पादक परिसंपत्तियों का सृजन और आय सृजन के अवसर उत्पन्न करना।
  • अन्य क्षेत्रों के समतुल्य अवसरों का लाभ उठाने, अधिकारों और अधिकारों की हकदारी और बेहतर सुविधाओं को हासिल करने की क्षमता में वृद्धि
  • शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ संरक्षण
दिशानिर्देश (टीएसएस को एससीए)

बैठक का कार्यवृत्त
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पीएसी द्वारा स्वीकृत परियोजनाएं
तथ्यात्मक आंकड़े

वित्तीय वर्ष

अनुदान

स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या

जनजातीय लाभार्थियों

2017-18

134800.00

314

1891810

2018-19

134500.00

395

1870748

2019-20

134562.00

554

771300

Total

403862.00

1263

4533858

संसाधन
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भारत के संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत सहायता अनुदान

भारत के संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के तहत भारत सरकार से राज्यों को सहायता अनुदान 100% वार्षिक सहायता अनुदान है। यह भारत के समेकित कोष (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अनुदान, को छोड़कर एक अनिवार्य मद) के लिए लिया जाता है।

भारत का संविधान में निम्न प्रावधान है:

कुछ राज्यों को संघ से अनुदान – (1) ऐसी राशियां, जिनका संसद विधि द्वारा उपबन्ध करे, उन राज्यों के राजस्वों में सहायता अनुदान के रूप में प्रत्येक वर्ष भारत की संचित निधि पर भारित होंगी जिन राज्यों के विषय में संसद यह अवधारित करे कि उन्हें सहायता की आवश्यकता है और भिन्न-भिन्न राज्यों के लिए भिन्न-भिन्न राशियां नियत की जा सकेंगी :

परन्तु किसी राज्य के राजस्वों में सहायता अनुदान के रूप में भारत की संचित निधि में से ऐसी पूँजी और आवर्ती राशियां संदत्त की जाएंगी जो उस राज्य को उन विकास स्कीमों के खर्चों को पूरा करने में समर्थ बनाने के लिए आवश्यक हों जिन्हें उस राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण की अभिवृद्धि करने या उस राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन स्तर को उस राज्य के शेष क्षेत्रों के प्रशासन स्तर तक उन्नत करने के प्रयोजन के लिए उस राज्य द्वारा भारत सरकार के अनुमोदन से हाथ में लिया जाए।

अनुच्छेद 275 का उद्देश्य (1)

अनुसूचित जनजाति (अजजा) आबादी और अन्य लोगों के बीच अंतर को पाटने और विकास की गति को तेज करने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के प्रावधान [आर्ट 275) (1) अनुदान] के तहत प्राप्त अनुदान सहायता से कार्यक्रम/गतिविधियां सुनिश्चित करते हुए निम्नलिखित उद्देश्य हैं

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच को बेहतर बना कर मानव संसाधन विकास,
  • अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन के स्तर को बढ़ाकर और जनजातीय क्षेत्रों / इलाकों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके गुणवत्तापरक उन्नत जीवन
  • कौशल उन्नयन और आय सृजन के अन्य अवसरों के माध्यम से गरीबी और बेरोजगारी में पर्याप्त कमी लाना तथा आगामी एवं पश्च संपर्क स्थापित करना और सतत आय सृजन और उत्पादक परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए संस्थागत वित्त के साथ जुड़ाव स्थापित करना।
  • अन्य क्षेत्रों के साथ अवसरों को लाभ उठाने, अधिकारों और हकदारियों और बेहतर सुविधाओं को हासिल करने की क्षमता में संवर्धन।

अनुच्छेद 275 (1) अनुदान जनजातीय विकास के लिए राज्य के प्रयासों के लिए केवल एक परिवर्धक है और इसका प्रयोग केवल महत्वपूर्ण अंतरों को पाटने की जरूरत को पूरा करने के लिए किया जाना चाहिए।

अनुच्छेद 275 (1) के दिशानिर्देश
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पीएसी द्वारा स्वीकृत परियोजनाएं
तथ्यात्मक आंकड़े

वित्तीय वर्ष

अनुदान(In Crore)

स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या

2017-18

1510.66

376

2018-19

1819.81

617

2019-20

2662.55

660


संसाधन
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पीवीटीजी के लिए विकास योजना

जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए), अनुसूचित जनजातियों और पीवीटीजी के विकास संबंधी समग्र नीति, नियोजन तथा कार्यक्रमों के समन्वयन के लिए एक नोडल मंत्रालय है। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए समर्पित यह स्कीम, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा सभी 75 कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) को शामिल करते हुए राज्य सरकारों और संघ राज्य-क्षेत्र प्रशासनों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। इस स्कीम का उद्देश्य पीवीटीजी के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उनके सामाजिक - आर्थिक जीवन के सभी क्षेत्रों में आवासीय विकास के व्यापक दृष्टिकोण तथा उपाय को अपनाते हुए समुदाय की संस्कृति और विरासत को बनाए रखते हुए योजना तैयार करना है, ताकि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के जीवन की गुणवत्ता में सुधार का दृश्यमान प्रभाव हो।

इस स्कीम में कार्यनीतिक दृष्टिकोण का अनुसरण किया गया है, जो मांग-आधारित है और विभिन्न कार्यक्रमों के तहत उपलब्ध संसाधनों के उपयोग को अनुकूल बनाने का प्रयास किया गया है और यह विशिष्ट परिणामों के लिए लक्षित है। इस स्कीम में पीवीटीजी के समग्र विकास के लिए जैसे आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में संवर्धन, भूमि वितरण, भूमि विकास, कृषि विकास, पशुपालन, लिंक सड़कों का निर्माण और प्रकाश व्यवस्था, सिंचाई, सामाजिक सुरक्षा (जनश्री बीमा स्कीम सहित), कौशल विकास और उन्नयन, संस्कृति का संरक्षण या कोई अन्य विभिन्न नवीन गतिविधियों जैसे कार्यों के लिए वित्त पोषण शामिल है। इस स्कीम के तहत निधि केवल पीवीटीजी के अस्तित्व, संरक्षण और विकास से संबद्ध महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाती है और जिन्हें विशेष रूप से राज्य अथवा केन्द्र सरकार की अन्य स्कीम या 'जनजातीय उप-स्कीम को विशेष केन्द्रीय सहायता' और 'संविधान के अनुच्छेद 275 (1)' के तहत निधियों की उपयोगिता को शासित करने वाले दिशानिर्देशों द्वारा संपन्न नहीं किया जाता है। यह स्कीम राज्य सरकार द्वारा आईटीडीए के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

उद्देश्य (पीवीटीजी)

पीवीटीजी जनजातियों का सबसे कमजोर तबका है और अधिकांशत: अलग-थलग, दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में छोटे-छोटे और बिखरे हुए निवास स्थानों (हेमलेट्स)/पर्यावासों में रहता है। इस स्कीम का उद्देश्य पीवीटीजी के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए व्यापक तरीके से उनके सामाजिक - आर्थिक जीवन के सभी क्षेत्रों में आवासीय विकास के दृष्टिकोण तथा उपाय को अपनाते हुए समुदाय की संस्कृति और विरासत को बनाए रखते हुए योजना तैयार करना है, ताकि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के जीवन की गुणवत्ता में सुधार का दृश्यमान प्रभाव हो।

बैठक का कार्यवृत्त
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पीएसी द्वारा स्वीकृत परियोजनाएं
तथ्यात्मक आंकड़े

वित्तीय वर्ष

अनुदान (In Crore)

स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या

जनजातीय लाभार्थियों की संख्या

2017-18

239.49

151

181483

2018-19

250.00

205

260425

2019-20

249.99

142

251023

अन्य दस्तावेज