देश में अनुसूचित जनजातियों और जनजातीय बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए 5वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 1974-75 में एक रणनीति के रूप में जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) (जिसे अब अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के रूप में जाना जाता है) कार्यनीति को अपनाया गया था। जनजातीय कार्य मंत्रालय के अलावा, 41 मंत्रालय/विभाग शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़क, आवास, विद्युतीकरण, रोजगार सृजन, कौशल विकास आदि से संबंधित विभिन्न जनजातीय विकास परियोजनाओं के लिए डीएपीएसटी के तहत जनजातीय विकास के लिए अपने कुल योजना बजट का कुछ प्रतिशत आवंटित कर रहे हैं। जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा डीएपीएसटी निधियों की निगरानी के लिए वेब पता https://stcmis.gov.in के साथ एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है।
टीएसपी/डीएपीएसटी का लक्ष्य एक ओर जनजातीय क्षेत्रों में उनकी जनसंख्या के अनुरूप निवेश की मात्रा निर्धारित करना/चैनलाइज़ करना है और दूसरी ओर जनजातीय समुदायों का उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सर्वांगीण विकास करना है।
अनुसूचित जनजाति घटक (एसटीसी) निधि के टीएसपी/एसटीसी उपयोग की समीक्षा और एसटीसी योजनाओं के साथ जनजातीय मामलों के मंत्रालय के एकीकृत ग्राम विकास कार्यक्रम के अभिसरण पर चर्चा