प्रदर्शन डैशबोर्ड, 'जनजातीय सशक्तिकरण - बदलता भारत’ अनुसूचित जनजातियों को सराकत करने तथा प्रणाली में दक्षता एवं पारदर्शिता लाने की परिकल्पना के साथ डिजिटल भारत पहल का भाग है। पोर्टल एक परस्पर संवादात्मक और गतिशील प्लेटफॉर्म है जो प्रासंगिक एसडीजी को प्राप्त करने के लिए 11 योजनाओं और मंत्रालयों की पहल के वास्तविक समय के विवरण को प्रदर्शित करता है। पोर्टल का शुभारंभ 9 अगस्त 2020 को श्री अमिताभ कांत, सीईओ नीति आयोग और श्री रमेश चंद, सदस्य नीति आयोग द्वारा किया गया था।
इसके अतिरिक्त, डैशबोर्ड मंत्रालय की 5 छात्रवृत्ति योजनाओं के प्रदर्शन को परिलक्षित करता है, जिसमें हर वर्ष लगभग 2500 करोड़ रूपए का लाभ लगभग 30 लाख अल्पाधिकार प्राप्त अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को मिलता है। यह डैशबोर्ड एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के तहत कार्यशील विद्यालयों तथा विभिन्न ईएमआरएस विद्यालयों में विधार्थियों का जिला-वार विवरण सहित निर्माणधीन विद्यालयों के विवरणों को भी प्रदर्शित करता है। मंत्रालय शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यात्म्क विभिन्न एनजीओ को निधियां भी प्रदान करता है। यह डैशबोर्ड प्रदान किए गए निधियों के साथ-साथ जिला-वार एनजीओ विवरण प्रस्तुत करता है। मैट्रिकोत्तर तथा मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति सहित केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं राज्यों द्वारा मंत्रालय के साथ अपना डेटा साझा करता है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय एसटीसी (अनुसूची जनजाति घटक) पर भी नज़र रखता है, जिसमें 41 मंत्रालय अपने बजट का एक निश्चित प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और विकास के लिए खर्च करते हैं। वर्ष 2019-20 में, 275 से अधिक योजनाओं में 41 मंत्रालयों ने 51,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया। इन सभी मंत्रालयों के प्रदर्शन को मंत्रालय की विभिन्न ई-पहल के साथ डैशबोर्ड में विभिन्न मापदंडों पर देखा जा सकता है।