जनजातीय कार्य मंत्रालय अन्य मंत्रालयों द्वारा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के अनुरूप कल्याणकारी गतिविधियों, कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उपयुक्त अभिसरण के माध्यम से एक-दूसरे की क्षमताओं का लाभ उठाकर जनजातीय समुदायों के विकास के बड़े उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न सहयोगी प्रयास किए जा रहे हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य और पोषण में संवेदनशील अंतरों को भरने के लिए ‘सहायता अनुदान' के माध्यम से राज्य सरकारों और अन्य मंत्रालयों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
जनजातीय आबादी समाज के सबसे कमजोर वर्गों में से एक है, जिन्हें क्षय रोग (टीबी) की तरह संक्रामक रोगों का खतरा है। फुफ्फुसीय (पल्मनरि) टीबी की अनुमानित प्रसार प्रति 100,000 जनजातीय आबादी में 703 है जो गैर जनजाति समकक्षों की तुलना में तीन गुना अधिक है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ संयुक्त प्रयासों से जनजातीय समूहों के बीच टीबी की वर्तमान स्थिति पर आशाजनक प्रभाव पड़ेगा। राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर के हस्तक्षेपों के लिए दोनों मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से एक अभिसरण योजना तैयार की गई है। वर्ष 2025 तक जनजातीय समूहों और देश से टीबी को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा अभिसरण कार्रवाई अनिवार्य है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय अपने प्रमुख (फ्लैगरिय) कार्यक्रम - दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने पर केंद्रित है। आदिवासी महिलाओं के साथ डीएवाई-एनआरएलएम लागू करने के संयुक्त प्रयासों ने देश में 8.9 लाख अनुसूचित जनजाति स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को बढ़ावा दिया है। महिलाओं की सामूहिकता जनजातीय महिलाओं को उनके और उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए कई तरह के आर्थिक अवसर प्रदान करती है। जनजातीय कार्य मंत्रालय राज्य योजना, लाभार्थी चयन, आजीविका परिसंपत्ति निर्माण, पीवीटीजी परियोजनाओं का संचालन, वन-धन योजना, बाजार निर्माण और राज्य, जिला और ब्लॉक में एसआरएलएम का प्रतिनिधित्व करने के लिए जिम्मेदार है।
उपरोक्त के अतिरिक्त, भारत के जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए कई अन्य मंत्रालयों और सरकारी संस्थानों के साथ अभिसरण चल रहा है। अंतर-विभागीय अभिसरण पहल में से कुछ प्रगति पर हैं और निम्नानुसार उल्लिखित हैं